ऐ जान अब लौट भी आ ऐसी भी क्या रुस्वाई,
बस भी कर अब सही जाती नहीं तेरी जुदाई।
जुदाई में तेरी हर पल हम टुकड़ो में मरते हैं,
तुम जल्दी लौट आओ बस यही दुआ करते है।
जब भी तेरी याद सताती है आँखों से आंसू बहने लगते हैं,
पर तुम जल्द ही लौट कर आओगे यही सोच कर मुस्कुरा लेते हैं।
हो खुश रहो खुदा से यही दुआ करते हैं,
हमें तुम माफ़ कर दो तुमसे हम इतना ही चाहते हैं।
ऐसी भी क्या खता हो गयी की तुम हमने माफ़ भी नहीं करते,
पर इतना तो जान लो की तुमसे जुड़ा हो कर हम जी नहीं सकते।
अगर माफ़ नहीं कर सकते तो हमारी जान ही ले लो,
पर इस तरह रूठ कर हमें मौत से बुरी ज़िन्दगी न दो।
बस भी कर अब सही जाती नहीं तेरी जुदाई।
जुदाई में तेरी हर पल हम टुकड़ो में मरते हैं,
तुम जल्दी लौट आओ बस यही दुआ करते है।
जब भी तेरी याद सताती है आँखों से आंसू बहने लगते हैं,
पर तुम जल्द ही लौट कर आओगे यही सोच कर मुस्कुरा लेते हैं।
हो खुश रहो खुदा से यही दुआ करते हैं,
हमें तुम माफ़ कर दो तुमसे हम इतना ही चाहते हैं।
ऐसी भी क्या खता हो गयी की तुम हमने माफ़ भी नहीं करते,
पर इतना तो जान लो की तुमसे जुड़ा हो कर हम जी नहीं सकते।
अगर माफ़ नहीं कर सकते तो हमारी जान ही ले लो,
पर इस तरह रूठ कर हमें मौत से बुरी ज़िन्दगी न दो।